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किशोर पेटशाली का निधन


Sangam Today News/- 
Almora/- विश्व पटल पर कुमाउनी संस्कृति और लोक साहित्य को पहचान दिलाने वाले प्रख्यात रंगकर्मी, साहित्यकार, शिक्षाविद एवं समाजसेवी जुगल किशोर पेटशाली ने दुनिया को अलविदा किया है।उन्हें साहित्य जगत हमेशा याद रखेगा।79 वर्षीय जुगल किशोर पेटशाली ने अपने पैतृक आवास चितई में गुरूवार देर रात को अंतिम सांस ली।वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।परिजनों के अनुसार, स्व. पेटशाली अपने पीछे पत्नी पुष्पा पेटशाली सहित पुत्र सुनील पेटशाली, गिरीश चंद्र, भुवन चंद्र, शेखर चंद्र, हिमांशु मुकुल पेटशाली सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनकी अंतिम यात्रा आज शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे पैतृक आवास से दलबैंड घाट तक निकाला जायेगी।तथा घाट पर दाह संस्कार होगा। 
जुगल किशोर पेटशाली ने ताउम्र कुमाऊनी भाषा, साहित्य और लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य किया। उन्होंने कुमाऊनी परम्परागत वाद्ययंत्रों को सहेजने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके योगदान को देखते हुए राज्य सरकार ने देहरादून में एक आधुनिक लाइब्रेरी व संग्रहालय की स्थापना की, जो आज कुमाऊनी वाद्ययंत्रों, साहित्य, लोक संस्कृति और पांडुलिपियों का प्रमुख केंद्र है।
उनके निधन पर साहित्यकारों, रंगकर्मियों,पत्रकारों, सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे कुमाऊनी संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।