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Sangam Today: स्याल्दे विकासखंड के दूरस्थ नैल क्षेत्र में स्थाई राजधानी गैंरसैंण संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने जनसंपर्क कर बैठक की गई। तथा गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने, प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू करने ,1950 के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी के साथ प्रर्दशन किया। बैठक में एक सितंबर को गैंरसैंण में महारैली की तैयारी को लेकर चर्चा की गई। तथा सरकार से शीघ्र गैंरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की गई।
स्थाई राजधानी गैंरसैंण संघर्ष समिति के कुमाऊं संयोजक एडवोकेट राकेश बिष्ट के नेतृत्व में समिति से जुड़े सदस्यों ने स्याल्दे विकासखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क किया। जनता से 1(एक) सितंबर को स्थाई राजधानी गैंरसैंण ,प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने व 1950 के आधार पर स्थाई निवास बनाने की मांग को लेकर गैंरसैंण में आयोजित महारैली के लिए एकजुट होने को कहा। अनेक स्थानों पर नुक्कड़ सभाएं की गई। तथा अधिक से अधिक लोगों से 1 सितंबर को गैंरसैंण में आयोजित महारैली में पहुंचने की अपील की गई।इस दौरान नैल में बैठक कर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया।नैल में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा गैंरसैंण को स्थाई राजधानी का दर्जा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के 24वर्षों बाद भी स्थाई राजधानी का नहीं बनना राज्य की जनता के साथ धोखा है। जिससे राज्य की परिकल्पना के अनुरूप दूरस्थ गांवों का विकास आज भी आधा अधूरा है।जनता आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल ,सिंचाई जैसी समस्याओं को लेकर संघर्ष कर रही है।
यहां स्थाई राजधानी गैंरसैंण संयुक्त संघर्ष समिति के कुमांऊ संयोजक एडबोकेट राकेश बिष्ट , गिरधर सिंह, रविंद्र नेगी, कविता, बालम सिंह, पवन सिंह, रघुवर सिंह, सुनील सिंह, तारा सिंह, राजे सिंह बसनाल, मोहन सिंह, जगत सिंह, पवन सिंह, लक्ष्मण सिंह, प्रकाश सिंह, बालम देशवाल ,चंदन सिंह आदि रहें।
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